हिमंत बिस्व सर्मा की जीवनी | Himanta Biswa Sarma Biography in Hindi, जन्म 1 फरवरी 1969

हिमंत बिस्व सर्मा की जीवनी | Himanta Biswa Sarma Biography in Hindi: हिमंत बिस्व सर्मा एक उद्यमी और भारतीय राजनेता हैं, जो अपने पॉलिटिकल करियर के साथ-साथ सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी मशहूर हैं। उन्होंने अपने साहस, कार्यकुशलता, और समर्पण के साथ अपनी छवि बनाई है और उन्हें आज अटल नेता के रूप में जाना जाता है।

हिमंत बिस्व सर्मा की जीवनी
हिमंत बिस्व सर्मा की जीवनी

बचपन और शिक्षा

बचपन के दिन हिमंत बिस्व सर्मा का जन्म 1 फरवरी 1969 को असम के गुवाहाटी जिले में हुआ था। वे अपने बचपन को गुवाहाटी में बिताएं और वहां की स्कूलों से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की।

शैक्षिक यात्रा हिमंत बिस्व सर्मा ने अपनी शिक्षा की शुरुआत से ही बड़ी उम्र से काफी मेहनत की और उन्होंने गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया।

पॉलिटिकल करियर की शुरुआत

पॉलिटिक्स में कदम रखना हिमंत बिस्व सर्मा ने पॉलिटिक्स में कदम रखने का फैसला अपनी करियर के प्रारंभिक दिनों में ही किया। वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य बने और अपनी पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की।

पहली प्रशासनिक पद हिमंत बिस्व सर्मा ने अपनी पॉलिटिकल करियर की शुरुआत में असम लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक पदों पर कार्य किया। वे अपनी प्रशासनिक क्षमता के साथ अपने कार्य में सफल रहे और जल्द ही लोकप्रिय हुए।

अवसर का नेतृत्व

उपमुखमंत्री के रूप में नियुक्ति हिमंत बिस्व सर्मा का सबसे महत्वपूर्ण कदम उनके उपमुखमंत्री के रूप में नियुक्त होने का था। उन्होंने असम के उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने प्रदेश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और लोगों के बीच महत्वपूर्ण सुधार किए।

प्रधानमंत्री के प्रति समर्पित हिमंत बिस्व सर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्री पदों पर कार्य किया है। उन्होंने स्वास्थ्य, पर्यावरण, और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अपनी भूमिका को महत्वपूर्ण बनाया है।

व्यक्तिगत जीवन (Himanta Biswa Sarma Biography in Hindi)

परिवार और संयुक्त जीवन हिमंत बिस्व सर्मा का परिवार उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है। वे अपने परिवार के साथ एक संयुक्त और समर्पित जीवन जीते हैं और उनका साथ उनकी पॉलिटिकल करियर में भी हमेशा रहा है।

सामाजिक सेवा हिमंत बिस्व सर्मा को सामाजिक सेवा में भी अपनी भूमिका के लिए जाना जाता है। वे वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अपने समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं और इस क्षेत्र में अपने कार्यों से लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का कार्य करते हैं।

सियासी प्रशंसा

हिमंत बिस्व सर्मा की प्रशंसा हिमंत बिस्व सर्मा को उनके नेतृत्व कौशल, कार्यकुशलता, और समर्पण के लिए व्यापक रूप से प्रशंसा मिलती है। वे अपने कार्यों से अपने प्रदेश और देश के लोगों के दिलों में समर्पित हैं।

कार्यक्षेत्र में योगदान हिमंत बिस्व सर्मा ने अपने पॉलिटिकल करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्यों में योगदान किया है, जैसे कि स्वास्थ्य सेवाओं का सुधारना, औद्योगिक विकास, और पर्यावरण संरक्षण। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों के बीच नई उम्मीदें पैदा की हैं।

परिष्कृति और उपसंग्रहण

हिमंत बिस्व सर्मा की परिष्कृति हिमंत बिस्व सर्मा की परिष्कृति में वे एक आदर्श नेता हैं, जिन्होंने अपने कार्यों से बड़े आदर्शों की स्थापना की है। वे अपनी मेहनत, समर्पण, और निष्ठा के साथ अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भविष्य की दिशा हिमंत बिस्व सर्मा का भविष्य काफी उज्ज्वल है। वे अपने नेतृत्व में और भी महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए तैयार हैं और अपने प्रदेश और देश के विकास में योगदान करते रहेंगे।

FAQs

Q: हिमंत बिस्व सर्मा का जन्म कब हुआ था?

Ans: हिमंत बिस्व सर्मा का जन्म 1 फरवरी 1969 को हुआ था।

Q: हिमंत बिस्व सर्मा ने कौन-कौन से महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है?

Ans: हिमंत बिस्व सर्मा ने असम के उपमुख्यमंत्री के पद पर कार्य किया है, और उन्होंने भारतीय केंद्र सरकार के मंत्री पदों पर भी कार्य किया है।

Q: हिमंत बिस्व सर्मा का योगदान किन-किन क्षेत्रों में है?

Ans: हिमंत बिस्व सर्मा ने स्वास्थ्य, पर्यावरण, और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

Q: उनकी परिष्कृति की विशेषता क्या है?

Ans: हिमंत बिस्व सर्मा की परिष्कृति में उनकी मेहनत, समर्पण, और नेतृत्व की विशेषता है।

Q: हिमंत बिस्व सर्मा के भविष्य के बारे में क्या सोचा जा सकता है?

Ans: हिमंत बिस्व सर्मा का भविष्य काफी उज्ज्वल है और वे अपने नेतृत्व में और भी महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए तैयार हैं। वे अपने प्रदेश और देश के विकास में योगदान करते रहेंगे।

Mukesh Pandit

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