राजा परबा (Raja Parba), यह त्यौहार कब और कैसे मनाया जाता है?

यह त्योहार जून के मध्य में आता है। पहले दिन को पाहिली राजा

दूसरे दिन को मिथुन संक्रांति 

और तीसरे दिन को भुदाह या बसी राजा कहा जाता है।

 अंतिम चौथे दिन को बासुमती स्नान कहा जाता है,

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जिस दिन महिलाएं भूमि के प्रतीक के रूप में पीसने वाले पत्थर को हल्दी के लेप से स्नान कराती हैं। 

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