story of upsc topper fabi rashid UPSC Topper Story | टॉपर्स मंत्रा- UPSC टॉपर फाबी रशीद के टिप्‍स: तैयारी के दौरान डिप्रेशन हुआ, पढ़ाई से ब्रेक लेना पड़ा; पहले ही अटेम्‍प्‍ट में ऐसे पाई AIR 71

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3 घंटे पहलेलेखक: उत्कर्षा त्यागी

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मेरा नाम फाबी रशीद है। UPSC CSE 2023 में मैंने ऑल इंडिया रैंक 71 हासिल की है। मैं केरल की रहने वाली हूं। पहले ग्रेजुएशन और फिर 2022 में पोस्ट ग्रेजुएशन बायोलॉजिकल साइंसेज में IISER तिरुवनंतपुरम से किया। फिर 1 साल तैयारी के बाद 2023 में सिविल सर्विस एग्जाम दिया।

14-15 साल की उम्र से ही सिविल सर्वेंट बनना चाहती थी
2005-06 के समय मेरे घर में से किसी का चयन IAS के लिए हुआ था। उस समय मैं बहुत छोटी थी। बड़े होते-होते पता चला कि IAS ऑफिसर होना एक बड़ी बात है और ये एग्जाम कितना मुश्किल होता है।

14-15 साल की उम्र तक आते-आते सिविल सर्वेंट को लेकर एक क्लियर आइडिया मिला। बस उसी समय से सिविल सर्वेंट बनने का सपना मजबूत हो गया। इसके अलावा IISER में मैंने कई इवेंट्स मैनेज किए। कई टीम्स और कमेटी भी मैनेज की। इससे मुझे समझ आया कि सही तरह से काम करवाना मुझे पसंद है।

मुझे लगता है कि सिविल सर्वेंट हजारों लोगों की जिंदगी में बदलाव ला सकता है और ये एक ऐसा प्रोफेशन है जिससे संतुष्टि का भाव आता है।

तैयारी के बीच डिप्रेशन, एंग्जायटी की वजह से ब्रेक लिया
इस प्रिपरेशन के दौरान मुझे एंग्जायटी इश्यूज हो रहे थे। मुझे लगता है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान होने वाली एंग्जायटी और मेंटल हेल्थ ऐसी चीज है जिसे ढेरों एस्पिरेंट्स ओवरलुक कर देते हैं।

ये ऐसी प्रॉब्लम्स है जिसे बहुत से लोगों को फेस करना पड़ता है। मेरे साथ भी ये था। एक एक्स्ट्रा प्रेशर मैं खुद से ही ले रही थी कि मुझे पहले ही अटेम्प्ट में एग्जाम क्लियर करना है। इसकी बड़ी वजह थी कि मैं जानती थी एग्जाम कितना स्ट्रेसफुल होता है। इसलिए मैं इस साइकिल से जल्द से जल्द छुटकारा चाहती थी।

उसके लिए मुझे एक ही अटेम्प्ट में एग्जाम क्लियर करना जरूरी था। तैयारी शुरू करने के तीन महीने बाद ही मुझे बर्नआउट महसूस होने लगा, मैंने फोकस लूज कर दिया, कुछ पढ़ नहीं पा रही थी। तब समझ आया कि मेरी तैयारी का तरीका हेल्दी नहीं है।

न खुद के लिए समय निकाल पाती थी और न ही ठीक से नींद ले रही थी। तब कजिन्स, पेरेंट्स और फ्रेंड्स के सपोर्ट से मैंने अपनी तैयारी के तरीके में बदलाव किए और एंग्जायटी से उबर पाई।

एसे, एथिक्स में कोट्स और एग्जाम्पल्स का इस्तेमाल करें

मैंने सुना है कि एसे और एथिक्स वो दो पेपर हैं जिसमें UPSC कैंडिडेट के इनर सेल्फ को जानने की कोशिश करता है। इन दोनों के लिए ही एक फ्रेमवर्क आप तैयार कर सकते हैं। एथिक्स के लिए मेरा सजेशन रहेगा कि ढेर सारे एग्जाम्पल्स कलेक्ट कर लीजिए। केस स्टडीज को भी आंसर करने के लिए यूज कर सकते हैं।
उदाहरण…
आपसे पूछा जाए कि सिविल सर्वेंट्स में क्या-क्या गुण होने चाहिए। नॉर्मली आप लिखेंगे ईमानदारी, राइटफुलनेस, सहानुभूति। लेकिन अगर इन सभी क्वालिटीज के सपोर्ट में एक रियल लाइफ सिविल सर्वेंट की केस स्टडी लगा देंगे, तो आपका जवाब स्टैंड आउट करेगा।

आप अपने आंसर में रिलेवेंट, फेमस लोगों के कोट्स भी लिख सकते हैं। मैं केस स्टडीज के अंत में हमेशा एक कोट जरूर लिखती थी। इसकी वजह से मुझे ज्यादा मार्क्स भी मिले।
उदाहरण…

आपसे पूछा जाए कि अगर सिविल सर्वेंट बनने के बाद आपको किसी से बदला लेने का मौका मिले तो आप क्या करेंगे। इसके जवाब में जाहिर है आप लिखेंगे कि बदला लेना सही नहीं है। अगर मैं जवाब लिख रही होती तो मैं अंत में महात्मा गांधी का कोट लिखती…
“आँख के बदले आँख का सिद्धांत सारी दुनिया को अंधा कर देगा”

इसी तरह एसे के लिए भी कोट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। एसे में आप एनेकडोट्स और कविताएं भी लिख सकते हैं। आप टॉपर्स कॉपीज भी देख सकते हैं।

स्पीकिंग प्रैक्टिस से इंटरव्यू में बेहतर स्कोर करें
इंटरव्यू स्पीकिंग प्रैक्टिस के बारे में। इन तीन क्वालिटीज से आप इंटरव्यू में बेहतर परफॉर्म कर सकते हैं….

  • कॉन्फिडेंस
  • कंपोजर
  • क्लैरिटी ऑफ थॉट

मॉक इंटरव्यू मैंने राउज एकेडमी पर देना शुरू किया। शुरू में मुझे बहुत एंग्जायटी होती थी। पहले मॉक इंटरव्यू में मुझसे ज्यादातर फैक्चुअल क्वेश्चन्स पूछे गए। तो मुझे अजीब लगा क्योंकि सुना था कि इंटरव्यू में आपके बैकग्राउंड से रिलेटेड सवाल पूछे जाते हैं, लेकिन इससे मुझे समझ आया कि फैक्चुअल चीजों पर भी काम करना चाहिए। इसके बाद जब मैं मेन इंटरव्यू देने गई तो वहां भी मुझसे ढेरों फैक्चुअल क्वेश्चन्स पूछे गए थे।

कोचिंग से आपका वर्क लोड कम होता है
मैं ये नहीं कहूंगी कि कोचिंग बहुत जरूरी है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के एग्जाम क्लियर किया है, लेकिन मैंने कोचिंग की है। इससे आपका वर्क लोड कम हो जाता है। आपको अलग से फैक्ट्स कलेक्ट नहीं करने पड़ेंगे, एक अच्छा मेंटर मिल जाएगा, टेस्ट सीरीज, पर्टिकुलर शेड्यूल मिल जाएगा। डिसिप्लिन मिल जाएगा। साथ ही कोचिंग में एक्सपर्ट्स से अपने डाउट्स पूछ सकते हैं।

स्ट्रेस, बोरडम मैनेज करना बहुत जरूरी
आपको UPSC की बेहतर तैयारी के लिए स्ट्रेस कम करने पर काम करना होगा। बहुत जरूरी है कि आपकी तैयारी हेल्दी हो।

मैंने इस तरह अपनी तैयारी को स्ट्रेस फ्री रखा…..

  • पूरे दिन किताब के सामने बैठने से बेहतर दिनभर में थोड़ा समय खुद के लिए निकाला।
  • मैं हर दिन किसी वेब सीरीज के कम से कम तीन एपिसोड्स तो देखती ही थी।
  • संडे के सेकेंड हाफ में मैं ब्रेक लेती थी। घरवालों या दोस्तों के साथ बाहर जाती थी।
  • मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी हेल्प करते हैं।

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