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2 मिनट पहले
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जल्द ही देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव हो सकता है। अब क्लास 12 के फाइनल रिपोर्ट कार्ड में 9वीं, 10वीं और 11वीं का रिजल्ट भी जोड़ा जा सकता है। इसे लेकर NCERT की बॉडी परख ने शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है। परख ने जून 2024 में शिक्षा मंत्रालय को एक्वीवैलेन्स ऑफ बोर्ड्स रिपोर्ट में ये सुझाव दिए हैं।
12वीं के फाइनल रिजल्ट में जुड़ सकते हैं 9वीं से 11वीं के मार्क्स
इस रिपोर्ट में स्टूडेंट्स के ओवर ऑल इवैल्यूएशन के लिए 12वीं के फाइनल रिजल्ट में 9वीं के रिजल्ट का 15%, 10वीं के रिजल्ट का 20%, 11वीं के रिजल्ट का 25% और फिर 12वीं के रिजल्ट को 40% वेटेज दिए जाने के बाद फाइनल रिजल्ट बनाने के लिए कहा है। देश के सभी शिक्षा बोर्ड्स को बराबर स्तर पर लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आधार पर NCERT की नई संस्था परख ने यह रिपोर्ट तैयार की है।
फाइनल रिजल्ट में स्टूडेंट्स की हर एक्टिविटी के लिए दिए जाएं क्रेडिट मार्क्स
परख ने कहा है कि सभी बोर्ड हर सब्जेक्ट के लिए एक क्वेश्चन बैंक बनाएं। इसके बाद परख के ब्लूप्रिंट और क्वेश्चन बैंक के आधार पर टीचर्स क्वेश्चन पेपर बनाएंगे। रिपोर्ट में ये भी सुझाव दिया गया है कि हर क्लास के हर सब्जेक्ट और एक्टिविटी का क्रेडिट मार्क्स के रूप में इवैल्यूएशन होना चाहिए।
एक रिपोर्ट में स्टूडेंट्स की सभी एक्टिविटीज – टाइम मैनेजमेंट जैसी स्किल्स के लिए भी क्रेडिट मार्क्स दिए जाएं। ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क में स्टूडेंट्स का इवैल्यूएशन टीचर्स के अलावा उनके क्लासमेट्स के रिएक्शंस को भी शामिल करना चाहिए। करिकुलम के आधार पर सभी बोर्ड्स को नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क का पालन करने के लिए भी कहा गया है।
स्कूलों में लिस्टेड सुविधाएं हैं या नहीं, ये भी चेक करेगा परख
परख से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि इस रिपोर्ट में की गई सिफारिशों का मकसद किसी भी बोर्ड से जुड़े स्कूल में एडमिशन लेने वाले हर स्टूडेंट को कुछ जरूरी और बेंचमार्क सुविधाएं हर हाल में मिलनी ही चाहिए।
69 शिक्षा बोर्ड्स की निगरानी करेगा परख
इस रिपोर्ट के मुताबिक परख ही सभी बोर्ड्स में इन पॉइंट्स को लागू किए जाने पर निगरानी भी रखेगा। देश में सेंट्रल, स्टेट, ओपन स्कूल, मदरसा और संस्कृत बोर्ड मिलाकर कुल 69 शिक्षा बोर्ड हैं। ये करिकुलम, परीक्षा ढांचे और कार्यप्रणालियों के आधार पर एक-दूसरे से अलग हैं, इस वजह से कुछ बोर्ड बेहतर माने जाते हैं।
कुछ शिक्षा बोर्ड्स ने कहा- 10वीं, 12वीं के अलग-अलग रिपोर्ट कार्ड हों
परख ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए देशभर के सभी बोर्ड्स के साथ वर्कशॉप भी किए हैं। इसमें कुछ बोर्ड्स ने कहा है कि संयुक्त रिपोर्ट कार्ड का आइडिया अच्छा है, लेकिन इसे 9वीं से 12वीं तक एक न रखा जाए। 10वीं और 12वीं के दो रिपोर्ट कार्ड बनें, जिसमें 10वीं के रिपोर्ट कार्ड में 9वीं को 40% और 10वीं को 60% वेटेज मिले। इसी तरह 12वीं की फाइनल रिपोर्ट कार्ड में 11वीं को 40% और 12वीं को 60% का वेटेज दिया जाए।
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