रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के बाद कई लोग Arun Yogiraj Biography in Hindi के बारे में सर्च कर रहे हैं। 22 जनवरी 2024 अयोध्या में श्री राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा को इतिहास के पन्नो पर स्वर्णि अक्षरों में लिखा जाएगा। पूरे देश में इसको लेकर उत्साह का माहौल है। इसी बीच लोग यह भी जानना चाहते हैं, कि इतनी भव्य, सुंदर एवं मनमोहिनी मूर्ति किसने बनाई? कौन है इसके मूर्तिकार? यह और कोई नहीं बल्कि कर्नाटक के रहने वाले अरुण योगीराज ही है।
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अरुण योगीराज कौन है? Arun Yogiraj Biography in Hindi
अयोध्या में रामलाल की मूर्ति पूरे देशवासियों को मंत्रमुग्ध एवं भावमुग्ध कर रही है। लोग इसे बनाने वाले मूर्तिकार की सराहना कर रहे हैं। बता दें कि यह और कोई नहीं 37 वर्षीय अरुण योगीराज ने ही बनाई है। मूर्तिकार अरुण योगीराज कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे हैं और बासवन्ना शिल्पी के नाती भी है। साथ ही इनके पिता योगीराज शिल्पी वाडियार घराने के महलों को एक मनमोहन खूबसूरती देने के लिए भी जाने जाते हैं।
अरुण योगीराज का जन्म 1983 में कर्नाटक के मैसूर में हुआ था। यह हिंदू धर्म से आते हैं। साथ ही उनके भाई का नाम सूर्यप्रकाश योगीराज और उनकी पत्नी का नाम विजेता मोहन है।
नाम | अरुण योगीराज |
आयु | 37 वर्ष |
जन्म तिथि | 1983 |
Profession | मूर्तिकार |
जन्म स्थान | मैसूर, कर्नाटक |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
धर्म | हिंदू धर्म |
अरुण योगिराज का प्रारंभिक जीवन
अरुण योगीराज का जन्म और प्रारंभिक जीवन कर्नाटक के मैसूर में बीता है। यह बचपन से ही मूर्तिकारों को मूर्तियों को बनाते और बिगाड़ते देखते आए हैं। बता दें कि उनके दादा बासवन्ना शिल्पी एक प्रसिद्ध मूर्तिकार रहे हैं, जो की मैसूर के राजा ने संक्षिप्त किये थे। हालांकि अरुण योगीराज को बचपन में मूर्तिकार बनने का शौक नहीं था। लेकिन उनके दादा ने कहा था कि अरुण एक मूर्तिकार ही बनेगा आज उनकी बात सत्य होती नजर आई है।
Arun Yogiraj Family
इस लेख Arun Yogiraj Biography in Hindi में आप जानना चाह रहे होंगे की अरुण योगीराज के परिवार में कौन-कौन है? बता दें कि यह उस परिवार से आते हैं, जिसमें मैसूर के पाँच पीढ़ियों के प्रतिष्ठित कलाकार मौजूद है और अरूण योगीराज ने एक मूर्ति कौशल को विरासत में प्राप्त किया है। अरुण योगीराज के पिता का नाम योगीराज शिल्पी है। इनके दादा का नाम बासवन्ना शिल्पी है। इसके अलावा इनका एक भाई भी है जिसका नाम सूर्यप्रकाश योगीराज है। वही यह एक शादीशुदा व्यक्ति हैं जिनकी धर्मपत्नी का नाम विजेता मोहन है।
संबंध | नाम |
---|---|
पिता | योगीराज शिल्पी |
माता | पता नहीं |
दादा | बासवन्ना शिल्पी |
भाई | सूर्यप्रकाश योगीराज |
पत्नी | विजेता मोहन |
अरुण योगिराज की शैक्षणिक योग्यता
अगर बात करें अरुण योगीराज की शैक्षणिक योग्यता के बारे में तो इनका मन पहले मूर्तिकार में नहीं लगता था। इसलिए इन्होंने MBA किया। इसके बाद कुछ समय इन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हुए भी बताया है। अरुण योगीराज फिर से अपने परिवार की परंपरा को बढ़ाते हुए एक मूर्तिकार बनने का तय करते हैं। इसलिए वह अपना पूरा ध्यान इसी क्षेत्र में लगा देते हैं और एक सफल मूर्तिकार के रूप में प्रसिद्ध भी होते हैं।
अरुण योगिराज द्वारा बनाई गई मूर्तियां
अरुण योगीराज ने कई सारी अद्भुत मूर्तियां बनाई है। इसमें 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने वाली हमारे अयोध्या की रामलाल की मूर्ति भी शामिल है। यह 51 इंच ऊंची मूर्ति है जिसे अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित किया गया है। उनकी प्रसिद्ध मूर्तियां केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति, मैसूर जिले के चुंचनकट्टे में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा, और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 15 फीट ऊंची मूर्ति मैसूर में है, वह शामिल है।
2018 में कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद अमृतशिला प्रतिमा , नंदी की छह फीट की अखंड मूर्ति और बनशंकरी देवी की छह फीट ऊंची मूर्ति, मैसूर के राजा , जयचामाराजेंद्र वोडेयार की 14.5 फीट ऊंची सफेद अमृतशिला (संगमरमर) मूर्ति, नलवाड़ी कृष्णराज वाडियार की 5 फीट की प्रतिमा के साथ साथ उनकी प्रसिद्ध कृतियों में से एक है।
अरुण योगिराज की उपलब्धियां और पुरस्कार
अगर बात करें अरुण योगीराज की उपलब्धि और पुरस्कार के बारे में तो इन्हें कई सारे पुरस्कार और अतुलनीय प्रतिभा से नवाजा गया है। इसमें कुछ मुख्य पुरस्कार है जिसमें उन्होने भारत सरकार द्वारा दक्षिण क्षेत्र युवा कलाकार पुरस्कार 2014 में प्राप्त किया है। मैसूरु जिला प्रशासन द्वारा राज्योत्सव पुरस्कार, और कर्नाटक सरकार का जकानाचारी पुरस्कार 2021 में मिला है।
FAQ
Arun Yogiraj की पत्नी का क्या नाम है?
Arun Yogiraj एक शादीशुदा व्यक्ति हैं जिनकी धर्मपत्नी का नाम विजेता मोहन है।
अरुण योगिराज ने कौन कौन सी मूर्ति बनाई है?
अयोध्या में राम भगवान की, केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य, मैसूर जिले में हनुमान जी की, और Dr. B R अंबेडकर जो कि मैसूर में है।
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